रामपुर एक छोटा सा गाँव था । गाँव की जनसंख्या कुल मिलाकर बारह सो के लगभग थी। आज तक उस गाँव को सड़क मार्ग से नही जोडा़ जा सका था। उस गाँव के लोगो को अभी भी जरूरत का सामान लेने गाँव से दस किलोमीटर दूर बैलगाडी़ अथवा साइकिल से जाना पड़ता था। गाँव वालौ को आने जाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था।
गाँव के लोग अनपढ। होकर रह गये थे क्यौकि जब बर्षात होती थी तब आस पास के सारे रास्ते बन्द होजाते थे। गाँव मे मच्छरौ का आतंक इतना बढ़जा ता कि लोग मलेरिया के शिकार होजाते थे। एकबार तो गाँव में डैगूँ का प्रकोप होगया था। गाँव के लोग बहुत मुश्किल से इस बीमारी से ठीक हुए थे।
गाँव मे यदि कोई बीमार होजाता तब गा़व के बैद्य जी ही कुछ दवाये देते थे अथवा पडौ़सी गाँव का एक नीम हकीम आता था। वह इंजैक्शन लगा जाता था।
जब कोई चुनाव होता था तब बडे़ बडे नेता गाँव में रैलियाँ करते थे रैलियौ मे बडे़ बडे़ बायदे करके जाते जैसे चुनाव होते ही गाँव को सड़क मार्ग से जोड़ दिया जायेगा। गाँव में बिजली भी आजायेगी। और गाँव मे पीने के पानी पहुँचाया जायेगा। गाँव मे एक छोटा सा सरकारी अस्पताल बनबायेगे जिससे छोटे इलाज गाँव में ही ठीक होजायेगे।
परन्तु चुनाव जीतने के बाद पाँच साल तक कोई नेता गाँव की तयफ आँख उठाकर भी नही देखता था। सब बायदे केवल बायदे ही रहजाहते थे।
कुछ समय बाद विधान सभा का चुनाव था। ँ लेकिन इस बार गाँव के सभी लोगो ने मिलकर अपने गाँव के रामनाथ को चुनाव में खडे़ करने का मन बना लिया।एवं गा़व में बाहर सेआने वाले लोगो पर पाबन्दी लगादी।
गाँव के लोगौ ने मिलकर उसका आस पास के गाँवौ मे जाकर खूब प्रचार किया। और सभी को यह बताया यदि रामनाथ एम एल ऐ बनगये तो आस पास के सभी गाँवौ का विकास करवाया जायेगा।
गाँव के लोगौ ने बाहर के किसी भी नेता को गाँव मे घुसने नहीं दिया । धीरे धीरे चुनाव का दिन आगया। गाँव के सभी लोगौ ने रामनाथ के फक्ष में मतदान किया और जब परिणाम आया रामनाथ पाँच हजार बोटौ से चुनाव जीत गया।
अब गाँव के लोगौ को कुछ आशा हुई कि अब हमारा गाँव भी सड़क मार्ग से अवश्य जुड़ जायेगा।
रामनाथ कुछ पढा।लिखा भी था उसने अपने गाँव आस पास के गाँवौ की आवाज विधान सभा मे उठाई और मुख्य मन्त्री भी उनकी पार्टी का ही था जिससे रामनाथ ने अपने पूरे क्षेत्र के लिए सड़क व एक सरकारी अस्पताल की मन्जूरी दिलवादी।
रामनाथ के प्रयास से अस्पताल बनजाने से सभी लोग बहुत खुश थे। उनके गाँव में जो डाक्टर व डाक्टरनी आये वह बहुत ही नरम स्वभाव के थे।
गाँव के लोगौ को अब नीम हकीम से छूटकारा मिल गया था। अब गाँव में अस्पताल खुलजाने से बच्चौ की डिलेबरी के लिए बाहर नही जाना पड़ता था। इससे पहले कितनी औरते असमय काल के गाल में जाचुकी थी क्यौकि उनको समय पर इलाज उपलब्ध नही हुआ था।
रामनाथ ने कोबिड के समय गाँव के लोगौ की बहुत सहायता की। अब गाँव मे ही कोबिड की वैक्सीन मिल रही थी। वैक्सीनेशन के लिए किसी को भी बाहर नही जाना पडा़ था। सभी गाँव वासियौ को अपने गाँव मे ही वैक्शीनेशन की सुबिधा जो मिल गयी थी।
गाँव वासियौ को अब बहुत खुशी थी। उनको सभी सुबिधाए अपने गाँव में ही मिल रही थी।
अब रामनाथ अपने गाँव को आदर्श गाँव बनाना चाहता था। रामनाथ ने अपने गाँव व आस पास के गाँव में शौचालय के लिए भी योजना तैयार करवाई और सभी गाँवौ मे शौचालय बनवाकर गाँव वालौ को फ्रैश होने के लिए शौचालाय मे ही जाने का आदेश जारी करवा दिया।
पूरे गाँव मे मुनादी करवादी गयी कि यदि कोई भी ब्यक्ति बच्चा अथवा कोई भी औरत शौच के लिए बाहर खुले में न जाये। यदि ऐसा करते पाया गया तो उस पर पाँचसौ रुपये जुर्माना किया जायेगा।
रामनाथ ने स्वयं भी नुक्कड़ सभाए की और सभी को प्यार की भाषा मे समझाया । गाँव वाले भी रामनाथ की बातें मानते थे क्योकि आज रामनाथ के कारण ही उनका गाँव विकास की गति पकड़ सका था। रामनाथ ने ही गाँव को सड़क मार्ग से जुड़वा कर। गाँव को शहर से जोड़ दिया था।
अब सभी लोग चाहते थे कि उनका गाँव आदर्श गाँव की गिनती मे आजाय । और गाँव मे अभी स्कूल तो था परन्तु कालेज की कमी थी।
अब गाँव के बच्चे पढ़कर अच्छी शिक्षा प्राप्त करके तरक्की की ओर अग्रसर होरहे थे। कुछ समय बाद रामनाथ ने अपने गाँव को आदर्श गाँव बना दिया था। इसके लिए गाँव के लोगो को सम्मानित किया गया था।
डाक्टर विशेषांक प्रतियोगिता हेतु छठवी रचना
नरेश शर्मा " पचौरी "
06/07/2022
Seema Priyadarshini sahay
08-Jul-2022 08:58 PM
Nice 👍
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Kusam Sharma
08-Jul-2022 04:30 PM
Nice
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shweta soni
07-Jul-2022 04:04 PM
Nice
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